40 के हुए धोनी, पैसे शौहरत का नहीं है घमंड ये 20 तस्वीरें साबित करती हैं कि वह जमीन से जुड़े महान इंसान हैं – The Focus Hindi

40 के हुए धोनी, पैसे शौहरत का नहीं है घमंड ये 20 तस्वीरें साबित करती हैं कि वह जमीन से जुड़े महान इंसान हैं

महेंन्द्र सिंह धोनी की गिनती भारत के सबसे सफलतम कप्तानों में होती है.

बात 2007 के टी20 विश्व कप की हो 2011 के एकदिवसीय विश्व की या फिर 2013 की चैंम्पियन ट्रॉफी की. उन्होने हर मौके पर टीम इंडिया और सवा सौ करोड़ भारतीयों को गर्व से सीना चौड़ा करने का अवसर दिलाया है. धोनी के नाम आईपीएल में 3 टाइटल और एक बार चैम्पियन लीग टाइटल जीतने का भी रिकॉर्ड है.

आज पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी 40 साल के हो गए हैं. 1985, 7 जुलाई को झारखंड में जन्मे धोनी ने 2005 में अपना पहला मैच खेला था. धौनी मैदान जितने शालीन नजर आए उतने ही मैदान के बाहर भी.

उनके बर्थ डे पर हम उनकी कुछ ऐसी तस्वीरें लेकर आएं हैं जिन्हे देखकर आप भी कहेंगे की वाकई धोनी जमीन से जुड़े महान इंसान हैं.Pin on Rd
धोनी को बाइक बहुत पसंद है और वह अपनी बाइक्स का खुद ख्याल रखते है इसे ये भी पता चलता है की धोनी के लिए उनकी चीजे कितने मायने रखती है।

कई बाद धोनी क्रिकेट ग्राउंड में जमीन पर ही झपकी लेते हुए देखा गया हैं वह इस बात से बिलकुल नहीं झिझकते है की मीडिया और लोग उनके बारे में क्या कहते है.

दूसरे क्रिकेटर जहां महंगे सैलूनों पर जाकर बाल कटवाते हैं तो वहीं धोनी इसके उलट कहीं भी आम सैलूनों पर बाल कटवा लेते हैं.
धोनी अपने घर की छोटी छोटी चीजों का ध्यान भी खुद ही रखते हैं. यदि घर में कोई मरम्मत या छोटे मोटे काम की जरूरत हो तो इसे वे खुद ही कर देते हैं.

माही को क्रिकेट से पहले फुटबॉल में काफी लगाव था आज भी वह अपने दोस्तों के साथ फुटबॉल ही खेलना पसंद करते है.


वह जहां चाहिए वह पर खाना खा सकने वाले पर वह किसी भी छोटे रेस्टोरेंट,होटल में खाना खा लेते है.
जब धोनी और उनकी बीवी साक्षी पासपोर्ट ऑफिस गए थे वह धोनी की सिम्प्लिसिटी साफ़ देख सकते हैं.
धोनी कभी कभी अपने टीम के मेंबर्स के लिए पानी की बोतल,तौलिया,कोल्ड ड्रिंक लेकर के मैदान में आ जाया करते थे.
धोनी को बाइक का शौक है लेकिन उन्हे साईकिल चलाना भी पसंद हैं.माहि के अनुसार हर सफल आदमी ने अपने गुजरे ज़माने में साइकल चलाई है,और लोग पैसा कमाने के बाद जिम जाकर साइकल चलते है,मगर ऐसे साइकल चलने को बहुत थर्ड क्लास मानते है.

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