2003-04 के ऑस्ट्रेलिया दौरे से इरफान पठान ने भारत के लिए अपना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर में डेब्यू किया था.
उन्होंने सिडनी में अपने दूसरे टेस्ट मैच में एक शानदार यॉर्कर पर एडम गिलक्रिस्ट को आउट किया. इस विकेट के बाद इरफान पठान आने वाले कई सालों तक भारतीय टीम की गेंदबाजी का एक अहम हिस्सा रहे. हालांकि हाल ही में एक बातचीत के दौरान इरफान पठान ने खुलासा करते हुए कहा कि उस समय टीम इंडिया के कप्तान सौरव गांगुली शुरू में उन्हें टीम में नहीं लेना चाहते थे.
वे पठान की गेंदबाजी को लेकर थोड़े रिजर्व थे हालाँकि गांगुली की पहचान युवाओं को सपोर्ट करने वाले कप्तान की रही है. इरफान पठान ने भारत और न्यूजीलैंड के बीच आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल 2021 के टी ब्रेक के दौरान स्टार स्पोर्ट्स पर यह खुलासा किया. पठान ने ऑस्ट्रेलिया में अपने डेब्यू से पर्दा उठाते हुए कहा कि कप्तान मेरे पास आए और कहा कि मैं तुम्हें टीम में नहीं चाहता.
उस समय मैं 19 साल का था तो दादा को लगा कि मैं ऑस्ट्रेलिया में खेलने के लिहाज़ से काफी छोटा हूं और मुझे काफी परेशानी होगी. हालांकि ऑस्ट्रेलिया दौरे के आखिर तक साबित हो चुका था कि भारत को गेंदबाजी में एक नया सितारा मिल गया है. इरफान पठान ने ऑस्ट्रेलिया में दो टेस्ट में चार विकेट लिए और इस दौरान सिडनी टेस्ट में उनके नाम तीन विकेट थे.
पठान ने आगे कहा कि बाद में सौरव गांगुली उनके पास आए थे और उन्होंने अपनी गलती मानी थी. उन्होंने कहा कि वह मेरे पास आए और कहा कि वह कितने गलत थे. इससे मुझे हैरानी हुई क्योंकि एक कप्तान चयन के बारे में काफी कम बात करता है और फिर अपनी गलती मानता है.
बहुत ही शानदार रहा इरफान का टेस्ट करियर
इरफान पठान ने भारत के लिए 29 टेस्ट मैच खेले. इ समें उन्होंने 32.26 की औसत से 100 विकेट लिए. उनके नाम टेस्ट क्रिकेट में हैट्रिक भी है. यह कमाल उन्होंने साल 2006 में कराची टेस्ट में पाकिस्तान के खिलाफ किया था.
इरफान पठान ने टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाजी में 1105 रन भी बनाए. बैटिंग में उनकी औसत 31.57 की थी और उन्होंने एक शतक व छह फिफ्टी लगाई थी
पठान को उनकी स्विंग गेंदबाजी के चलते नया वसीम अकरम भी कहा गया था लेकिन जैसे-जैसे उनका करियर आगे बढ़ा वैसे उनकी चमक फीकी पड़ती गई. वे 2008 में आखिरी बार टेस्ट क्रिकेट खेले थे. यानी उनका टेस्ट करियर पांच साल में ही खत्म हो गया.