भारतीय क्रिकेट दुनिया में हर साल कई खिलाड़ियों को इंटरनेशन मैच खेलने का मौका मिलता है. कई ऐसी खिलाड़ी होते हैं, जो दुनिया में छा जाते हैं. वहीं, कुछ ऐसी भी खिलाड़ी होते हैं, जो गुम से हो जाते हैं.
पूरे देश आने वाले ये खिलाड़ी अपने आप में विविधता को बटोर कर रखते हैं. यह विविधता उनके एजुकेशनल बैकग्राउंड में भी देखने को मिलती है. कुछ ऐसे खिलाड़ी होते हैं, जो पढ़ाई-लिखाई में अव्वल नहीं होते हैं. वहीं, कुछ के पास बेहतरीन डिग्रीयां होती हैं. ऐसा ही एक खिलाड़ी है, जिसे भारत का ‘सबसे ज्यादा पढ़ा लिखा’ क्रिकेट कहा जाता था.
हम बात करे रहे हैं बांग्लादेश के खिलाफ डेब्यू करने वाले आविष्कार साल्वी की. आविष्कार साल्वी को ही सबसे ज्यादा पढ़ा-लिखा क्रिकेटर कहा जाता है. मुंबई के फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलने वाले साल्वी का अंतरराष्ट्रीय करियर ज्यादा नहीं चल सका. वो भारत के लिए सिर्फ 4 वनडे खेल सके. चोट की वजह से उनका करियर लगभग खत्म हो गया. हालांकि, वह बतौर तेज गेंदबाज IPL में दिल्ली डेयरडेविल्स का भी हिस्सा बने.
मुंबई में पैदा हुए साल्वी ने स्ट्रोफिजिक्स में पीएचडी की है. उनकी डिग्री हमेशा क्रिकेट के दुनिया में चर्चा का विषय बनी रही. बता दें कि स्ट्रोफिजिक्स में हायर एजुकेशन यानी की रिसर्च करने वालों को ISRO से लेकर NASA तक काम करने का मौका मिलता है. इसके अलावा स्ट्रोफिजिक्स के जरिए BARC और NCRA जैसी संस्थानों में नौकरी का मौका मिलता है. कुल मिलाकर अगर कोई व्यक्ति ब्रह्मांड विषय में रूचि रखता है, तो इसका अध्ययन कर सकता है.