किसी भी खिलाड़ी की सफलता में वह अकेला ही भागीदार नहीं होता है. बल्कि उसके परिवार और करीबी लोगों का भी बड़ा हाथ होता है.
आज फादर्स डे है औऱ हम कुछ ऐसे क्रिकेटर्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी सफलता में उनके पिता का अहम रोल रहा. लेकिन सफलता के शिखर पर पहुंचने से पहले संघर्ष के दिनों में ही इन क्रिकेटर्स ने अपने पिता को खो दिया था.
1. मोहम्मद शमी
मोहम्मद शमी की गिनती आज दुनियाभर को चोटी के गेंदबाजों में होती है. शमी की सफलता में उनके पिता तौसीफ अली का बड़ा हाथ रहा है. उन्होने ने ही शमी को काफी प्रोत्साहित किया. शमी के पिता का 2017 में निधन हो गया था. शमी अपने वालिद से बहुत प्रभावित थे. अभी तक उनके ट्विटर के कवर पर वालिद तौसीफ की फोटो लगी है. जिसमें वह अस्पताल में भर्ती थे. तभी खाना खाते वक्त शमी ने उसी दौरान सेल्फी ली. वही फोटो शमी ने लगा रखी है.
2. मोहम्मद सिराज
तेज गेंदबाज सिराज ने पिछले कुछ महीनों में काफी प्रभावित किया है. दिसम्बर 2020 में उनके पिता गौस मोहम्मद का इंतकाल इस उस समय हुआ जब सिराज ऑस्ट्रेलिया दौरे पर थे. पिता के निधन की खबर सुनने के बाद भी सिराज कमज़ोर नहीं पड़े औऱ उन्होने जबदरस्त प्रदर्शन करके टीम इंडिया को जीत दिलाई. एक गरीब परिवार से निकलकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर बनने के सफर में सिराज के पिता ने उनकी सबसे ज्यादा मदद की. सिराज की सफलता में उनके पिता की अहम भूमिका रही और सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने अपने बेटे की महत्वाकांक्षाओं का समर्थन किया.
3. विराट कोहली
टीम इंडिया के मौजूदा कप्तान विराट कोहली तब 17 साल के थे जब उनके पिता का ब्रेन स्ट्रोक के चलते निधन हो गया था. कोहली उस वक्त दिल्ली के फिरोज शाह कोटला स्टेडियम में रणजी मैच खेल रहे थे. पिता के निधन की खबर सुनकर कोहली उस वक्त घर आए और फिर जल्दी ही मैच खेलने चले गए. उस दिन कोहली ने 90 रन की पारी खेलकर दिल्ली की टीम को संकट से उबारा था. मैच के बाद वह दोबारा घर गए औऱ पिता का अंतिम संस्कार किया.
4. ऋषभ पंत
भारतीय क्रिकेट टीम के युवा विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत ने फर्श से लेकर अर्श तक का सफर कई कठिनाइयों से गुजर कर पूरा किया है. पंत जब 20 साल के थे तब 2017 के आईपीएल के दौरान उनके पिता का निधन हो गया. वह पिता के अंतिम संस्कार में गए और दो दिन बाद ही क्रिकेट मैदान पर वापस आकर उन्होंने अर्द्धशतक जड़ा. दिल्ली डेयरडेविल्स की तरफ से खेलते हुए पंत ने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ अर्धशतकीय पारी खेली थी. पंत ने 36 गेंदों में 57 रनों की जुझारू पारी खेली थी. पंत के इस साहस की उस वक्त कई दिग्गज खिलाड़ियों ने तारीफ की थी.