टीम इंडिया का आज दुनिया की चोंटी की क्रिकेट टीम में गिना जाता है. भारतीय क्रिकेट में एक से एक जबरदस्त प्रतिभाशाली खिलाड़ी हुए। जिन्होंने अपने देश का नाम क्रिकेट टीम की तरफ से खेलते हुए रोशन किया.
प्रतिभाशाली खिलाड़ी और प्रभाव की बात करें तो इसके दम पर कुछ खिलाड़ियों ने टीम इंडिया के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट में जगह बनायी जिसके बाद लगातार शानदार प्रदर्शन किया। लेकिन अपने शानदार प्रतिभा और भारतीय टीम में अच्छे आगाज के बाद भी कुछ ऐसे खिलाड़ी रहे जो लगातार अपनी जगह को बरकरार नहीं रख सके जिसका एक प्रमुख कारण किसी ना किसी तरह की राजनीति को माना जा सकता है। आइए जाने कुछ ऐसे ही खिलाड़ियों के बारे में.
10- जयंत यादव
भारतीय क्रिकेट टीम में साल 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दौरान एक बेहतरीन स्पिन ऑलराउंडर हाथ लगा था। जयंत यादव ने भारतीय टीम में मौका मिलने के बाद अपनी बल्लेबाजी के साथ ही स्पिन गेंदबाजी से काफी प्रभावशाली प्रदर्शन कर सबको चकित कर दिया था। जयंत यादव ने अपने छोटे से करियर में 4 टेस्ट मैचों में 45.60 की औसत से 228 रन बनाने के साथ ही 11 विकेट भी हासिल किए लेकिन भारतीय क्रिकेट में उनकी आड़ में किसी ना किसी तरह की राजनीति बीच में आ गई और उनका करियर यहीं पर थम गया।
9. सुब्रमणयम बद्रीनाथ
भारतीय टीम के लिए मात्र दो टेस्ट मैच खेलने का मौका मिलने वाले सुब्रमणयम बद्रीनाथ ने एक अर्धशतक के साथ कुल 63 रन बनाए हैं। वहीं उन्होंने टीम के लिए 7 वनडे मैच भी खेले हैं। लेकिन, हम आपको बता दें कि यह खिलाड़ी पांच दिवसीय मैचों का ज्यादा अच्छा खिलाड़ी है। दरअसल घरेलू मैचों में प्रदर्शन कर अपनी छाप छोड़ने वाले बद्रीनाथ ने 145 प्रथम श्रेणी मैचों में 32 शतक और 45 अर्धशतकों के साथ कुल 10,245 रन बनाए हैं। बावजूद इसके उन्हें और मौके नहीं दिए गए।
8- अभिमन्यु मिथुन
अपने प्रथम श्रेणी मैचों में पदार्पण करने के सिर्फ 10 हफ्ते के बाद ही जिस खिलाड़ी को टेस्ट मैचों के लिए चुन लिया जाए। जाहिर सी बात है कि वो खिलाड़ी प्रतिभाशाली तो होगा ही। 2009-10 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ में चुने गए अभिमन्यु मिथुन को टीम के लिए सिर्फ चार ही टेस्ट मैच खेलने का मौका मिला है। जिसमें उन्होंने 120 रन बनाने के साथ ही 9 विकेट भी झटके थे। लेकिन, इसके बाद से वह भी गुमनामी के अंधकार में है।
7-.जयदेव उनादकट
भारतीय टीम के लिए 1 टेस्ट के साथ ही 7 वनडे और 10 टी20 मैचों में शिरकत कर चुके जयदेव उनादकट सौराष्ट्र के लिए घरेलू क्रिकेट खेलते हैं। सौराष्ट्र के लिए खेलते हुए उन्होंने प्रथम श्रेणी के 89 मैचों में 2.94 की इकॉनमी के साथ 327 विकेट हासिल किए हैं। आपको बता दें की वो सौराष्ट्र के लिए कप्तानी भी कर चुके हैं। आपको बता दें कि 2019-20 के रणजी ट्रॉफी में उनादकट ने सिर्फ 10 मैचों में ही 67 विकेट लिए थे। उस एक टेस्ट मैच के बाद वह कभी भारतीय टीम के लिए नहीं खेल पाये।
5- आर विनय कुमार
कर्नाटक के रणजी कप्तान आर विनय कुमार का भी यही हाल है। वह भी भारतीय टीम के लिए सिर्फ एक टेस्ट मैच खेलने के बाद फिर कभी नहीं खेल पाये। जिस एक टेस्ट मैच में उन्हें खेलने का मौका मिला था, उसमें उन्होंने पर्थ के मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के माइकल हसी का विकेट लिया था। विनय कुमार ने अपने प्रथम श्रेणी मैचों में कुल 504 विकेट झटके हैं। अगर उन्हें Indian टीम में मौका मिला होता तो वो बहुत बड़ा फैक्टर साबित हो सकते थे।
4- पंकज सिंह
राजस्थान के दाएं हाथ के मध्यम गति के तेज गेंदबाज पंकज सिंह ने भी Indian टीम के लिए 2 टेस्ट मैच खेले, जिसमें वो सिर्फ दो ही विकेट ले सके थे. लेकिन, अब वह भारतीय टीम में जगह बनाने को लेकर संघर्ष ही कर रहे है। जबकि अगर उनके घरेलू मैचों के प्रदर्शन पर नजर डाली जाए तो उन्होंने अपनी गेंदों से तहलका मचा दिया है। जिसमें मात्र 117 मैचों में ही उन्होंने 472 विकेट अपने नाम किए हैं।
3- अभिनव मुकुंद
तमिलनाडु के अभिनव मुकुंद भी भारतीय टीम के लिए अब तक सिर्फ 7 टेस्ट मैच ही खेल पाये हैं। जिसमें उन्होंने 2 अर्धशतक लगाए हैं। वर्तमान में Indian खिलाड़ियों की टेस्ट फॉर्म देखकर ऐसा लग रहा है कि अब अभिनव मुकुंद का भारतीय टीम के लिए टेस्ट करियर समाप्त ही हो गया है। जबकि इस प्रतिभाशाली खिलाड़ी ने सिर्फ 145 प्रथम श्रेणी मैचों में ही 31 शतक और 37 अर्धशतक के साथ 10 हजार से ज्यादा रन बनाए हैं।2- अमित मिश्रा
देश के सर्वश्रेष्ठ लेग स्पिनर अमित मिश्रा का हाल तो सबसे ज्यादा दिलचस्प है। उन्होंने 2008-09 में अपना पदार्पण किया था और अपने 12 साल के लम्बे करियर में अब तक वह सिर्फ 22 टेस्ट मैच ही खेल पाये हैं। जिसमें उनकी गेंदों ने 75 शिकार किए हैं। वैसे अब तो वह वनडे और टी20 मैचों से भी बाहर हैं। फर्स्ट क्लास में 535 विकेट, लिस्ट ए में 252 के साथ ही आईपीएल में दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा 166 विकेट भी उनके ही नाम दर्ज हैं। बावजूद इसके उन्हें अब कोई भी नहीं पूछ रहा है।
1- कर्ण शर्मा
आईपीएल से अपनी पहचान पाने वाले कर्ण शर्मा को भी भारतीय टेस्ट टीम की जर्सी मिली थी। लेकिन, कर्ण शर्मा का भी टेस्ट करियर सिर्फ एक मैच में ही थम गया। जिसमें अपनी गुगली गेंदबाजी से उन्होंने एडिलेड की पिच पर ऑस्ट्रेलिया के चार विकेट झटके थे। साथ ही अगर उनके घरेलू मैचों को देखा जाए तो वो 196 विकेट ले चुके हैं। बावजूद इसके कर्ण शर्मा को एक के बाद फिर दूसरे टेस्ट मैच में नहीं आजमाया गया.