WordPress database error: [Table 'u945304538_migration1.wp_terms' doesn't exist]
SELECT DISTINCT t.term_id, tr.object_id FROM wp_terms AS t INNER JOIN wp_term_taxonomy AS tt ON t.term_id = tt.term_id INNER JOIN wp_term_relationships AS tr ON tr.term_taxonomy_id = tt.term_taxonomy_id WHERE tt.taxonomy IN ('category', 'post_tag', 'post_format') AND tr.object_id IN (11406) ORDER BY t.name ASC

पाक क्रिकेटर्स की खूबसूरत पत्नियों ने अपने हुस्न से ईद पर ढाया कहर, स्टाइल में अभिनेत्रियां भी फेल! – The Focus Hindi

WordPress database error: [Table 'u945304538_migration1.wp_users' doesn't exist]
SELECT * FROM wp_users WHERE ID IN (1)

WordPress database error: [Table 'u945304538_migration1.wp_users' doesn't exist]
SELECT * FROM wp_users WHERE ID = '1' LIMIT 1

पाक क्रिकेटर्स की खूबसूरत पत्नियों ने अपने हुस्न से ईद पर ढाया कहर, स्टाइल में अभिनेत्रियां भी फेल!

ईद उल अजहा का त्यौहार पूरी दुनिया में धूमधाम से मनाया गया. क्रिकेटर्स ने भी ईद का पर्व मनाया. क्रिकेटर्स ने अपने फैन्स को ईद की बधाई देने के लिए बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. पाक क्रिकेटर्स ने अपनी पत्नियों संग ईद का जश्न मनाया.

पाक क्रिकेटर्स की पत्नियां ईद के अवसर पर बेहद ही ग्लैमरस अंदाज में नजर आई. वहाब रियाज से लेकर अजहर महमूद की पत्नी ने अपनी खूबसूरती से ईद के अवसर पर चार चाँद लगा दिए. पाक महिला क्रिकेटर्स ने भी फैन्स को शुभकामनाएं दी.

10 जुलाई को मनाया गया ईद उल अजहा का जश्न

ईद-उल-अजहा (बकरीद ) के मौके पर रविवार को जामा मस्जिद में नमाज अदा करने के लिए नमाजी जमा हुए. इस साल 10 जुलाई को मनाया जा रहा ईद-उल-अजहा एक पवित्र अवसर है, जिसे ‘बलिदान का त्योहार’ भी कहा जाता है.

इस पर्व को जिल हिज के 10वें दिन मनाया जाता है, जो इस्लामी या चंद्र कैलेंडर का बारहवा महीना होता है. यह वार्षिक हज यात्रा के अंत का प्रतीक है. हर साल, तारीख बदलती है क्योंकि यह इस्लामिक कैलेंडर पर आधारित है, जो पश्चिमी 365-दिवसीय ग्रेगोरियन कैलेंडर से लगभग 11 दिन छोटा है.

बलिदान का प्रतीक है ईद उल अजहा

ईद उल-अजहा खुशी और शांति का अवसर है, जो लोग अपने परिवारों के साथ मनाते हैं. इस दौरान वे पुरानी शिकायतों को दूर करते हैं और एक दूसरे के साथ बेहतर संबंध बनाते हैं. यह पैगंबर अब्राहम की ईश्वर के लिए सब कुछ बलिदान करने की इच्छा के स्मरणोत्सव के रूप में मनाया जाता है.

4000 साल पुराना है ईद का इतिहास, इसलिए मनाते हैं ईद उल अजहा

इस पर्व का इतिहास 4,000 साल पहले का है जब अल्लाह पैगंबर हजरत इब्राहिम के सपने में प्रकट हुए थे और उनसे उनकी सबसे ज्यादा प्यारी वस्तु का बलिदान देने के लिए कह रहे थे.

धर्म के जानकारों के अनुसार, पैगंबर अपने बेटे इसहाक की बलि देने वाले थे कि तभी एक फरिश्ता प्रकट हुआ और उन्हें ऐसा करने से रोक दिया. उन्हें बताया गया था कि अल्लाह उनके प्रति उनके प्रेम के प्रति आश्वस्त हैं. इसलिए उन्हें ‘महान बलिदान’ के रूप में कुछ और करने की जरूरत नहीं है.

Leave a Comment