क्रिकेट के मैदान में आपने जोंटी रोड्स जैसी फुर्ती देखी होगी. महेन्द्र सिंह धोनी की तेज रनिंग देखी होगी लेकिन क्या आप क्रिकेट के सबसे आलसी क्रिकेटर के बारे में जानते हैं.
क्रिकेट को आमतौर पर फुर्तीले खिलाड़ियों का खेल माना जाता रहा है, लेकिन इस खेल में कम फुर्तीले और लेजी खिलाड़ियों ने भी खूब नाम कमाया है. तो आइए हम आपको बताते हुए दुनिया के कुछ सबसे आलसी क्रिकेटर के बारे में जिनके लिए मैदान में दौड़ना या फिल्डिंग के दौरान गेंद पकड़ना किसी टास्क कम नहीं था।
क्रिस गेल
मौजूदा दौर के सबसे विस्फोटक बल्लेबाजों में गिने जाने वाले क्रिस गेल को विकेटों के बीच में दौड़ लगाना बिल्कुल पसंद नहीं, दौड़ कर 1-1 या 2-2 रन बनाने से ज्यादा वो गेंद को मैदान के बाहर भेजने में ज्यादा विश्वास करते हैं. फील्डिंग में भी क्रिस गेल का हाल बुरा है वो संभवतः मौजूदा वेस्टइंडीज टीम के सबसे खराब और आलसी खिलाड़ियों में गिने जाते है.
मूनाफ पटेल
मौजूदा समय में भारतीय क्रिकेट खिलाड़ियों की फील्डिंग में बहुत सुधार देखने को मिला है, लेकिन मैदानी फील्डिंग में अभी भी भारतीय टीम को बहुत सुधार की आवश्यकता है. खराब मैदानी फील्डिंग का सबसे सटीक उदाहरण हैं मुनाफ पटेल. इंटरनेशनल क्रिकेट में अपनी शुरूआत करने के बाद से उनका आलसी अंदाज बढता ही गया. भारत का यह पूर्व दिगज खिलाड़ी हमेशा से ही अपने आलसी स्वाभाव के लिए चर्चित था.
युसुफ पठान
यूसुफ पठान ने अपने आक्रमक अंदाज के दीवाने तो बहुत से फैन बनाये हैं, लेकिन क्या आपने कभी नोटिस किया है कि यूसुफ पठान की विकेटों के बीच दौड़ कितनी खराब है. हालांकि बल्लेबाजी के दौरान बड़े शाट खेलकर पठान अपनी इस कमी को छुपा जाते हैं, लेकिन फील्डिंग के दौरान उनकी ये कमी सबके सामने उजागर हो जाती है.
नासिर जमशेद
पाकिस्तान के इस सलामी बल्लेबाजों को मौजूदा दौर के सबसे खराब फील्डरों में गिना जाता है. इसके अलावा विकेटों के बीच दौड़ के मामले भी नासिर जमशेद की स्थिति काफी खराब है. एक टैलेंटेड बल्लेबाज होने के बावजूद भी वो अपने आलसी स्वभाव के कारण कई बार रन आउट होकर पवेलियन लौटते चुके हैं.
शेन वार्न
दुनिया के सबसे महानतम लेग स्पिनर शेन वार्न मैदान पर अपने लेजी नेचर के कारण भी जाने जाते थे. बात चाहे विकेटों के बीच दौड़ की हो या मैदानी फील्डिंग की, शेन वार्न को दौड़ना पसंद नहीं था. शेन वार्न कई बार अपने गेंदबाजी एक्शन में भी हमेशा की तरह रनर अप लेने की बजाए चहलकदमी करते हुए गेंद फेंकते थे.
ड्वेन लेवरॉक
बरमुडा का यह भीमकाय खिलाड़ी मैदान पर अपने ना दौड़ने की आदत के लिए हमेशा से ही जाना जाता था. इसी कारण ड्वेन लेवराक अपने भारी भरकम शरीर के बावजूद स्लिप में फिल्डिंग करना बेहद पसंद करते थे क्योंकि वहां पर दौड़ना नहीं पड़ता था. हालांकि 2007 विश्व कप में स्लिप की पोजीशन पर एक असंभव सा कैच पकड़ कर इस खिलाड़ी ने सबको हैरान कर दिया था.
अर्जुन राणातुंगा
श्रीलंका को विश्व कप जीताने वाले कप्तान अर्जुन रणतुंगा भी मैदान पर सुस्त खिलाड़ियों में गिने जाते थे. विकेटों के बीच दौड़ लगाने और मैदानी फिल्डिंग दोनों में ही अर्जुन रणतुंगा की स्थिति खराब थी. अक्सर अन्य श्रीलंकाई खिलाड़ी अर्जुन रणतुंगा की इस आदत का म’जा’क उड़ाते भी दिख जाते थे.
मोहम्मद शहजाद
अफ़ग़ानिस्तान के वि’स्फो’टक बल्लेबाज मोहम्मद शहजाद हमेशा से ही मैदान पर अपने आलसी स्वभाव को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. अपने गोल मटोल शरीर के साथ जब शहजाद विकटों के बीच में दौड़ लगाते हैं, तो उन्हें देखना काफी आनंद दायक होता है. हालाँकि उनके इस आलसी स्वाभाव के विपरीत अगर हम शहजाद के बल्ले की बात करें तो उससे ज्यादा फुर्ती चीते के पास भी नहीं होगी.रोहित शर्मा
एकदिवसीय क्रिकेट में 3 दोहरे शतक लगाने वाले भारतीय ओपनर बल्लेबाज रोहित शर्मा को भी मैदान पर काफी आलसी क्रिकेटर माना जाता है. शायद या इसलिए भी हो सकता है क्योंकि भारतीय टीम में रोहित के अतिरिक्त अन्य सभी खिलाड़ी बहुत ही फिट हैं. रोहित को कई बार रन आउट होते हुए या साथी बल्लेबाज को रन आउट कराते हुए भी देखा गया है. रोहित ने कई बार तो अपने कप्तान विराट कोहली को भी रन आउट करवाया है.
इंजमाम उल हक़
पाकिस्तान के इस बेहतरीन बल्लेबाज को मैदान पर दौड़ लगाना कितना नापसंद था ये सभी जानते हैं. वनडे मैचों में 40 रन आउट उनकी खराब रनिंग की गवाही देते हैं. मैदानी फिल्डिंग के दौरान भी वो अक्सर गेंद के पीछे दौड़ते थे या दूसरे फील्डरों को गेंद पकड़ने का इशारा करते दिखते थे.