WordPress database error: [Table 'u945304538_migration1.wp_terms' doesn't exist]
SELECT DISTINCT t.term_id, tr.object_id FROM wp_terms AS t INNER JOIN wp_term_taxonomy AS tt ON t.term_id = tt.term_id INNER JOIN wp_term_relationships AS tr ON tr.term_taxonomy_id = tt.term_taxonomy_id WHERE tt.taxonomy IN ('category', 'post_tag', 'post_format') AND tr.object_id IN (3462) ORDER BY t.name ASC

दिलीप कुमार का एक फ़ोन और रुक गया कारगिल यु’द्ध, नवाज शरीफ भी हो गए थे मुरीद – The Focus Hindi

WordPress database error: [Table 'u945304538_migration1.wp_users' doesn't exist]
SELECT * FROM wp_users WHERE ID IN (1)

WordPress database error: [Table 'u945304538_migration1.wp_users' doesn't exist]
SELECT * FROM wp_users WHERE ID = '1' LIMIT 1

दिलीप कुमार का एक फ़ोन और रुक गया कारगिल यु’द्ध, नवाज शरीफ भी हो गए थे मुरीद

दिलीप कुमार एक बेहतरीन कलाकार के साथ-साथ सच्चे देशभक्त रहे, जिन्होंने कारगिल जैसे बड़े यु”द्ध को महज एक कॉल से ताल दिया था.

लिजेंड्री कलाकार दिलीप कुमार (Dilip Kumar) की मौ”’त के बाद बॉलीवुड की त्रिमूर्ति का एक हिस्सा भी खत्म हो गया। बॉलीवुड में दिलीप कुमार, देव आनंद (Dev Anand)और राज कपूर (Raj Kapoor) के त्रिमूर्ति का तगमा दिया गया था। दो मूर्तियां पहले ही इस दुनिया से जा चुकी थीं और अब दिलीप कुमार के बाद ये आखिरी मूर्ति ही ज’मीं’दो’ज हो गई। एक उम्दा कलाकार होने के साथ दिलीप कुमार एक सच्चे द’शे’भ’क्त भी थे और जब कारगिल यु”द्ध हो रहा था तो वह बेहद परेशान हो गए थे। कारगिल यु”द्ध रोकने के लिए दिलीप कुमार ने सीधे पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) को फोन कर दिया था।


दिलीप कुमार के लिए उनके चाहने वाले कहते थे कि जैसे कुछ चीज़ों का कभी बंटवारा नही हो सकता है, जैसे ताजमहल, टी’पू सुल्तान, भगत सिंह, मोहनजोदड़ो, तक्षशिला, भारतीय शास्त्रीय संगीत, उर्दू, ग़ालिब और दिलीप कुमार।

दिलीप कुमार एक बेहतरीन कलाकार होने के साथ एक सच्चे दे’श’भ’क्त भी थे और उन्होंने अपनी इस दे’श’भ’क्ति का सबूत भी दिया था।


पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी ने अपनी किताब ‘नाइदर अ हॉक नॉर अ डव’ में दिलीप कुमार की नेक दिली की चर्चा की है।

खुर्शीद ने लिखा है कि जिस समय करगिल की ल’ड़ा’ई हो रही थी उस समय अटल बिहारी वाजेपयी जी ने नवाज़ शरीफ़ को फ़ोन किया था।

खुर्शीद के अनुसार अटलजी के साथ दिलीप कुमार भी थे और जब फोन नवाज शरीफ के हाथ गया तो अटल जी ने वो फोन दिलीप को दे दिया।


दिलीप कुमार ने तब कहा था कि, “नवाज़ शरीफ़ साहब! आप क्या कर रहे हैं? कुछ नहीं तो हिंदुस्तान में रहने वाले करोड़ों मु’स’ल’मा’नों का ही कुछ ख्याल कर लीजिए।” और फिर ल’ड़ा’ई का पासा पलटना शुरू हो गया था।

बता दें कि दिलीप कुमार के पेशावर पहुंचने की खबर मिलते ही वहां की सड़कों पर उनके चाहने वाला का ऐसा हुजूम जमा हुआ कि दिलीप कुमार के लिए अपने ही मोहल्ले में कदम रखना नामुमकिन हो पाया और उन्हें सिक्योरिटी की वजह से वापस लौटना पड़ा था।

Leave a Comment