बर्मिंघम में खेले जा टेस्ट मैच के चौथे दिन इंग्लैंड की टीम ने अचानक पासा पलट दिया. अब तक बैकफुट पर दिख रही मेजबान टीम अब जीत की तरफ अग्रसर हो गई है. चौथे दिन भारत ने इंग्लैंड को जीत के लिए 378 रनों का टारगेट दिया. जवाब में इंग्लिश टीम ने स्टंप्स तक 3 विकेट गंवा कर 259 रन बना लिए हैं और उसे जीत के लिए सिर्फ 119 रनों की जरूरत है.
इस मैच में एक पल ऐसा आया जब टीम इंडिया का ही एक खिलाड़ी उसके लिए सबसे बड़ा विलेन बन गया. इस खिलाड़ी की एक गलती से भारत अब ये मैच हारने के करीब पहुंच गया है. पांचवें दिन जीत के लिए इंग्लैंड को अब सिर्फ 119 रन ही बनाने होंगे. इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स और सैम बिलिंग्स जैसे खतरनाक बल्लेबाज भी अभी आने बाकी हैं.
सबसे बड़ा विलेन बना ये खिलाड़ी
इंग्लैंड की दूसरी पारी के दौरान 38वें ओवर में मोहम्मद सिराज गेंदबाजी के लिए आए. मोहम्मद सिराज के इस ओवर की चौथी गेंद पर हनुमा विहारी ने स्लिप में इंग्लैंड के खतरनाक बल्लेबाज जॉनी बेयरस्टो का कैच टपका दिया. जॉनी बेयरस्टो उस समय 14 रन पर बल्लेबाजी कर रहे थे. हनुमा विहारी अगर उस कैच को पकड़ लेते तो जॉनी बेयरस्टो 72 रनों की पारी नहीं खेल पाते.
मैच हारने के करीब पहुंच गया भारत
जॉनी बेयरस्टो ने न सिर्फ 72 रन बना लिए हैं, बल्कि जो रूट के साथ मिलकर 150 रन जोड़ दिए हैं. जॉनी बेयरस्टो और जो रूट ने मिलकर टीम इंडिया को लगभग इस मैच से बाहर कर दिया. टीम इंडिया की इस हालत के लिए हनुमा विहारी को जिम्मेदार माना जा रहा है, जिन्होंने 14 रन पर इंग्लैंड के खतरनाक बल्लेबाज जॉनी बेयरस्टो का कैच टपका दिया.
बहुत ही घटिया खेल दिखाया
हनुमा विहारी की बात करें तो इंग्लैंड के खिलाफ इस मैच में उन्होंने बहुत ही घटिया खेल दिखाया. रोहित शर्मा और केएल राहुल जैसे बल्लेबाजों की गैरमौजूदगी में उनसे बड़ी पारी की उम्मीद थी, लेकिन वह मौके को पूरे तरीके से भुना नहीं पाए. इंग्लैंड के खिलाफ मैच में हनुमा विहारी सिर्फ 20 रन बनाकर आउट हो गए. दूसरी पारी में तो हनुमा विहारी क्रीज पर टिकने के लिए भी जूझते नजर आए.
बल्लेबाजी में भी रहा फिसड्डी
हनुमा विहारी दूसरी पारी में 11 रन के स्कोर पर ही पवेलियन लौट गए. हनुमा विहारी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत को सीरीज जिताने में अहम भूमिका अदा की थी, लेकिन उसके बाद वह अपनी लय बरकरार नहीं रख पाए. ऐसे उनके टेस्ट टीम में रहने पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. जबकि उनकी मयंक अग्रवाल को मौका दिया जा सकता था.