ऑस्ट्रेलिया की टीम 24 साल बाद पाकिस्तान का दौरा कर रही है. पहला टेस्ट ड्रॉ रहा था. लेकिन 5 दिन के मैच में सिर्फ 14 विकेट गिरे थे और 1187 रन बने थे. इसके बाद पीसीबी (PCB) के चेयरमैन रमीज राजा ने निराशा जताते हुए कहा था कि इससे टेस्ट को बढ़ावा नहीं मिलेगा. इस बीच आईसीसी (ICC) ने रावलपिंडी की पिच को औसत से नीचे माना है और एक डिमेरिट अंक दिया है. 5 साल में अगर किसी पिच को 5 डिमेरिट अंक मिलते हैं तो उस पर 12 महीने का बैन लग जाता है. यानी वहां एक साल तक कोई इंटरनेशनल मुकाबला नहीं खेला जा सकता है.
मैच रेफरी रंजन मधुगले ने पिच को औसत के नीचे पाया. वे आईसीसी के एलीट पैनल में शामिल हैं. उन्होंने कहा, ‘पिच में शायद ही 5 दिन में किसी तरह का बदलाव आया. सिर्फ उछाल में थोड़ी कमी देखी गई. पिच से तेज गेंदबाजों को अधिक मदद नहीं मिल रही थी. वहीं स्पिनर्स के लिए भी कुछ नहीं था.’ उन्होंने कहा कि मेरे हिसाब से रावलपिंडी की पिच से बल्ले और गेंद के बीच एक-समान प्रतिद्वंद्विता नहीं दिखी. इसलिए आईसीसी के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए मैं इस पिच को औसत से कम मानता हूं. उन्होंने इस रिपोर्ट को पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को भी भेज दिया है.
पाकिस्तान ने खोए सिर्फ 4 विकेट
मैच में पाकिस्तान टीम ने सिर्फ 4 विकेट गंवाया था. उसने पहली पारी 4 विकेट पर 476 रन बनाकर घोषित कर दी थी. इमाम उल हक और अजहर अली ने शतक जड़ा था. जवाब में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 459 रन का बड़ा स्कोर बनाया था. उस्मान ख्वाजा ने 97 और मार्नस लबुशेन ने 90 रन बनाए थे. जवाब में पाकिस्तान ने दूसरी पारी में बिना विकेट के 252 रन बनाए थे. इमाम उल हक और अब्दुल्लाह शफीक शतक लगाकर नाबाद रहे. तीन मैचों की टेस्ट सीरीज का दूसरा मुकाबला 12 मार्च से कराची में खेला जाना है.