10 दिग्गज भारतीय क्रिकेटर जिन्हे नहीं मिला विदाई मैच खेलने का सौभाग्य, लिस्ट में कई शानदार कप्तान – The Focus Hindi

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10 दिग्गज भारतीय क्रिकेटर जिन्हे नहीं मिला विदाई मैच खेलने का सौभाग्य, लिस्ट में कई शानदार कप्तान

क्रिकेट में किसी भी खिलाड़ी के फेयरवेल मैच को लेकर कोई नियम नहीं है. हांलकी साथी खिलाड़ियों द्वारा तालियों की गड़गड़ाहट उसके लिए सम्मान की बात होती है.

खासतौर उस क्रिकेट के लिए जो टीम के लिए अहम योगदान देता है. हालंकी यह सम्मान हर किसी क्रिकेटर को नहीं मिल पाता. आज हम कुछ ऐसे दिग्गज भारती क्रिकेटरों की बात कर रहे हैं जिन्हे अपना विदाई मैच खेलने का सौभाग्य नहीं मिल सका.

1. सुनील गावस्कर
लिटिल मास्टर के नाम से मशहूर पूर्व भारतीय कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर को लेकर किसी ने नहीं सोचा था कि वर्ल्ड कप 1987 का सेमीफाइनल मैच उनका आखिरी मैच होगा. वर्ल्ड कप 1987 के सेमीफाइनल में भारत को इंग्लैंड के हाथों हार मिली थी और इसके बाद गावस्कर कभी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में नजर नहीं आए.Mohammad Azharuddin pledges to donate to ICA to help former cricketers
2. मोहम्मद अजहरुद्दीन
लंबे समय तक भारतीय टीम की कप्तानी करने वाले मोहम्मद अजहरुद्दीन के साथ भी ऐसा हुआ है. एक समय पर भारत के लिए ही नहीं, बल्कि दुनिया में सबसे ज्यादा मैच, सबसे ज्यादा और सबसे ज्यादा बतौर कप्तान मैच खेलने वाले वे इकलौते खिलाड़ी थे, लेकिन मैच फिक्सिंग के आरोप के बीच उनका करियर ही खत्म हो गया.

3. राहुल द्रविड़
इस लिस्ट में पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ का भी नाम शामिल है, क्योंकि उनको भी इसी तरह संन्यास का फैसला करना पड़ा था और उनको भी विदाई मैच खेलने का मौका नहीं मिला था. बतौर कप्तान और खासकर टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए हजारों रन बनाने वाले द्रविड़ विदाई मैच के लिए तरसते रह गए.

4. वीरेंद्र सहवाग
टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक जड़ने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज वीरेंद्र सहवागने बाद में एक और तिहरा शतक जड़ा था, जबकि तीसरे तिहरे शतक से वे चूक गए थे. वहीं, वनडे क्रिकेट में सचिन के बाद उन्होंने ही दोहरा शतक जड़ा था, लेकिन वीरू को भी विदाई मैच नसीब नहीं हुआ था.

6. जहीर खान
साल 2003 के वर्ल्ड कप के फाइनल तक के भारतीय टीम के सफर में और फिर साल 2011 के वर्ल्ड कप की विश्व विजेता टीम में तेज गेंदबाज जहीर खान का काफी योगदान था. कई खिलाड़ी जहीर को भारतीय गेंदबाजी यूनिट का सचिन तेंदुलकर कहते थे, लेकिन जहीर को भी विदाई मैच भारतीय टीम के लिए खेलने को नहीं मिला.

7.गौतम गंभीर
2007 का टी20 वर्ल्ड कप का फाइनल हो या फिर 2011 के वर्ल्ड कप का फाइनल हो. गौतम गंभीर ही भारतीय बल्लेबाजी यूनिट का हिस्सा थे, जिन्होंने दोनों बार विश्व कप जीतने वाली टीम के लिए बेसकीमती रन बनाए थे. हालांकि, दोनों ही मैचों में उनको मैन ऑफ द मैच का खिताब नहीं मिला था, जबकि बिना विदाई मैच को उन्होंने संन्यास भी लिया था.

8.युवराज सिंह
वर्ल्ड कप 2011 के जीतने का श्रेय सबसे ज्यादा ऑलराउंडर युवराज सिंह को जाता है. युवी ने बल्ले से ही नहीं, बल्कि गेंद से भी पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया था. एक शतक के अलावा युवी ने कई अर्धशतक वर्ल्ड कप में जड़े थे और प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब जीता था, जबकि 2007 के टी20 वर्ल्ड कप में एक ओवर में 6 छक्के भी युवराज ने जड़े थे, लेकिन उन्होंने बिना विदाई मैच खेले संन्यास लिया था.

9. इरफान पठान
भारतीय टीम के हरफनमौला खिलाड़ी इरफान पठान को एक समय सबसे ज्यादा टैलेंटेड ऑलराउंडर कहा जाता था, लेकिन कुछ मैचों में खराब प्रदर्शन के बाद उनको बाहर कर दिया गया. हालांकि, आखिरी मैच में वे मैन ऑफ द मैच रहे, लेकिन उनको लगातार नजरअंदाज किया गया. ऐसे में उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट से बिना विदाई मैच खेल दूरी बना ली.

10. एमएस धौनी
महेंद्र सिंह धौनी…नाम ही काफी है. इनके बारे में कितना भी लिखा जाए, कितना भी कहा जाए सब कम पड़ जाएगा, क्योंकि ये महान कप्तान के साथ-साथ महान बल्लेबाज, महान विकेटकीपर और महान फिनिशर रहे हैं. बावजूद इसके धौनी बिना विदाई मैच खेले इंटरनेशनल क्रिकेट से रुख्सत हो गए हैं.

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