लखनऊ, 5 मई 2021 | उत्तर प्रदेश में पिछले दिनों पंचायत चुनावों के परिणाम घोषित हुए। पंचायत चुनाव भारतीय लोकतंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा है। पंचायत स्थानीय लोगों की सरकार है। इसमें निर्वाचित लोग अपने-अपने क्षेत्र के विकास के लिए काम करते हैं। मगर जब इन चुनावों में धांधली होती है तो इसका उद्देश्य समाप्त हो जाता है।
भारतीय जनता पार्टी लखनऊ जनपद में मात्र 3 जिला पंचायत सदस्य जिता पाई। जिला पंचायत वार्ड संख्या 2 की मतगणना में धांधली की ख़बरें सामने आयीं हैं। यहाँ से भाजपा प्रत्याशी अनीता लोधी को विजयी घोषित किया गया।
अंतिम परिणाम को अगर देखा जाए तो कांग्रेस एवं उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया एवं कम्युनिकेशन विभाग के संयोजक ललन कुमार एवं कांग्रेस समर्थित प्रत्यशी श्रीमती मीरा देवी ने 3487 वोट हासिल किये। भाजपा प्रत्याशी अनीता लोधी ने 3667 वोट प्राप्त किये।
मतगणना के समय स्थल पर उपस्थित प्रत्याशी मीरा देवी एवं उनके पुत्र अभय सिंह यादव ने आरोप लगाए कि मतगणना में धांधली हुई है। उन्होंने कहा कि अर्जुनपुर बूथ के 333 वोट भाजपा प्रत्याशी को दे दिए गए। जबकि अर्जुनपुर बूथ वार्ड संख्या 2 में आता ही नहीं है। वोटों की इस हेरा-फेरी के चलते मीरा देवी को 180 वोट से हार मिली। ललन कुमार ने बताया स्थानीय भाजपा विधायक एवं भाजपा के जिलाध्यक्ष मतगणना स्थल पर पाए गए थे। उनकी इस स्थान पर क्या ज़रूरत थी कोई नहीं जानता। निश्चित ही यह धांधली सोचे समझे तरीके से की गयी है।
मीरा देवी का आरोप है कि सत्ता के इशारे पर उन्हें हराया गया है। सम्बंधित अधिकारियों को उन्होंने इससे आगाह भी किया तथा पुनः मतगणना की बात कही मगर किसी ने इस पर न तो कार्यवाही की न ही कोई आश्वासन दिया। ललन कुमार का कहना है कि यह लोकतंत्र की ह्त्या है। लोकतंत्र को बचाने के लिए अब हमें यदि कोर्ट भी जाना पड़े तो जाएँगे। इस प्रकार यदि चुनाव में धांधली होगी तो फिर यह प्रक्रिया निरर्थक है।