कंजूस भरी गेंदबाजी के बादशाह बने अकील हुसैन, नरेन-मुजीब को भी पीछे छोड़ा, आंकड़े देख रह जायेंगे दंग – The Focus Hindi

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कंजूस भरी गेंदबाजी के बादशाह बने अकील हुसैन, नरेन-मुजीब को भी पीछे छोड़ा, आंकड़े देख रह जायेंगे दंग

हाल के वर्षों में ट्रिनबैगो नाइट राइडर्स की सफलता का मुख्य कारण रहे हैं बाए हाथ के स्पिन गेंदबाज़ अकील हुसैन. पिछले तीन सीज़नों में पावरप्ले के दौरान उनकी इकॉनमी महज़ 5.56 की रही है. इस दौरान 100 से अधिक गेंदें फेंकने वाले गेंदबाज़ों में सुनील नारायण, मुजीब उर रहमान और मोहम्मद नबी की इकॉनमी अकील से बेहतर है.

टी20 विश्व कप से पहले फ़ेबियन ऐलेन के चोटिल होने के बाद अकील को वेस्टइंडीज़ टीम में शामिल किया गया था. साथ ही उन्हें नई गेंद से गेंदबाज़ी करने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई. इस चुनौती को दोनों हाथों से स्वीकार करते हुए अकील ने रन रोकने के साथ-साथ विकेट चटकाना शुरू कर दिया है.

अबू धाबी टी20 लीग में दिल्ली बुल्स के लिए खेलते हुए अकील ने क्रिकइंफ़ो से कहा, “सबसे पहले तो मैं बता दूं कि पावरप्ले में गेंदबाज़ी करना बहुत कठिन है क्योंकि केवल दो खिलाड़ी सीमा रेखा पर होते हैं. लेकिन यह बात भी सच है कि यह एक अलग चुनौती है. मैंने ख़ुशी-ख़ुशी इसे स्वीकार किया. आप रन ख़र्च करोगे और कई मौक़ों पर आपको मार भी पड़ेगी लेकिन बात योजनाओं पर सही तरीक़े से अमल करने पर आ जाती है. अगर आपके पास केवल दो खिलाड़ी सीमा रेखा पर हैं तो आपको यह सुनिश्चित करना होता है कि अगर बल्लेबाज़ बड़ा शॉट लगाना चाहता है तो उसे उन दो खिलाड़ियों के आसपास गेंद को मारना पड़े.”

अकील ने आगे कहा, “मेरे कार्य और मानसिकता बदलती रहती है. कभी-कभी टीम एक शांत पावरप्ले चाहती है इसलिए मेरा काम एक छोर पर रनों की गति को रोकने का होता है. और कभी-कभी कप्तान चाहता है कि मैं विकेट के लिए जाऊं. इसलिए आपको भूमिकाएं बदलने की आवश्यकता होती है। लेकिन सबसे ज़रूरी बात होती है ख़ुशी. आख़िरकार मैं वह करता हूं जो टीम चाहती है. तो अगर टीम चाहती है कि मैं एक छोर को पकड़कर रखूं या विकेटों के लिए जाऊं तो उस समय टीम के लिए वह सबसे ज़्यादा ज़रूरी होता है.”

टी20 लीग में अकील को बुल्स के लिए केवल एक ही मैच खेलने का मौक़ा मिला लेकिन उनका मानना है कि छोटे प्रारूप के कुछ दिग्गज खिलाड़ियों के साथ नेट में अभ्यास करने से उन्हें बहुत कुछ सीखने मिला है. टी20 विश्व कप से पहले अकील बतौर नेट गेंदबाज़ कोलकाता नाइट राइडर्स का हिस्सा थे.

उनके अनुसार, “कभी-कभी आप ऐसी टीमों में होंगे जहां आपको हर समय मैच खेलने का मौक़ा ना मिले. लेकिन बस वहां रहने, सीनियर खिलाड़ियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर नेट में अभ्यास करने और उनके साथ समय बिताने के अनुभव से आप बहुत कुछ सीख सकते हैं. वेस्टइंडीज़ के साथ बिताए गए समय में भी मेरे साथ यही हुआ.”

अकील मूल रूप से एक बैटिंग ऑलराउंडर थे जो बाएं हाथ से कलाई की स्पिन करते थे. लेकिन जब वह ट्रिनिडाड में अपने क्लब के लिए वनडे टूर्नामेंट से पहले कंधे की चोट से वापसी करते हुए उंगलियों की स्पिन पर उतर आए. अब वह वेस्टइंडीज़ के प्रमुख स्पिनर बन गए है लेकिन वह उच्च स्तर पर अपनी बल्लेबाज़ी से छाप छोड़ने के लिए उत्सुक हैं.

अकील ने कहा, “पहले मैं एक ऑलराउंडर था. मैं आज भी ख़ुद को और मेरे कोचों के यह बात याद दिलाता रहता हूं. दुर्भाग्य से इस समय इन टीमों (बुल्स और वेस्टइंडीज़) में कई विश्व स्तरीय खिलाड़ी हैं और यहां बल्लेबाज़ी क्रम में आगे बढ़ना कठिन है. इसके बावजूद मैं नेट में कड़ी मेहनत कर रहा हूं ताकि जब मौक़ा आए, मैं उसे दोनों हाथों से स्वीकार कर लूं.”

अपने तरकश में नकल बॉल और इन स्विंग आर्म बॉल जोड़ने के बाद अकील सफ़ेद गेंद की क्रिकेट में एक शक्तिशाली स्पिनर बन गए हैं. उन्होंने ख़ुलासा किया कि वह अपनी गेंदबाज़ी में और विविधताएं लाने पर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “मेरे मन में कलाई की स्पिन को एक विकल्प के रूप में इस्तेमाल करने का विचार आया था. सुनील (नारायण) उन लोगों में से हैं जिन्होंने मुझे यह सुझाव दिया है. मैं अभी कुछ गेंदों पर काम कर रहा हूं ताकि मैं उन्हें ठीक से इस्तेमाल कर सकूं. जैसा कि मैंने पहले कहा, कलाई की स्पिन कोई आसान काम नहीं है. हालांकि मैं कुछ नई गेंदों पर काम कर रहा हूं जिसमें उसका समावेश ज़रूर होगा.”

 

नारायण के साथ अकील का गहरा संबंध है। वह ना केवल ट्रिनबैगो नाइट राइडर्स में बल्कि ट्रिनिडाड में क्वींस पार्क क्लब में उनके साथ खेले हैं। नारायण के बारे में अकील कहते हैं, “वह बहुत शांत स्वभाव के है लेकिन आप सलाह के लिए उनके पास कभी भी जा सकते हैं। हम एक ही क्लब के लिए खेलते हैं जिस वजह से मैं सुनील को कई वर्षों से जानता हूं। उनकी गुणवत्ता और उस स्तर वाले अनेक खिलाड़ी सारी जानकारी अपने पास रखते हैं लेकिन सुनील जानकारी बांटने में विश्वास रखते हैं। सुनील आपको वह सब कुछ दिखाएंगे जो वह जानते हैं। वह आपको बल्लेबाज़ों को छकाने के तरीक़े बताएंगे और नया कौशल दिखाएंगे जो शायद उनके लिए काम नहीं कर रहा हो लेकिन उन्हें लगे कि वह जानकारी आपके काम आ सकती हो।”

अकील पाकिस्तानी खिलाड़ियों से अच्छी तरह परिचित हैं, जो सीपीएल और टी10 लीग में उनके साथ और उनके ख़िलाफ़ खेले हैं। पाकिस्तान के कैरेबियाई दौरे का टी20 चरण बारिश से धुल गया था, लेकिन पाकिस्तान में आगामी सीरीज़ में उनके पास टीम में अपनी जगह पक्की करने का एक मौक़ा होगा जहां वेस्टइंडीज़ वरिष्ठ खिलाड़ियों के बिना एक नए दौर की शुरुआत करने जा रहा है।

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