भारतीय क्रिकेट के इतिहास में कई ऐसे क्रिकेटर भाइयो की जोड़ी टीम का हिस्सा रही है. जिन्होने अर्न्तराष्ट्रीय स्तर पर अपना जलवा दिखाया है.
इनमें सबसे ज्यादा लोकप्रिय पठान ब्रादर्स की जोड़ी रही है. पहली बार यह जोड़ी 2007 टी-20 विश्वकप फाइनल में एक साथ मैदान पर नजर आई थी. इस जोड़ी ने पहले ही मैच में शानदार प्रदर्शन कर देशवासियों को जीत का ऐसा तोहफा दिया जिसे आज तक कोई नहीं भुला पाया है.
पठान ब्रादर्स में छोटे भाई इरफान ने 2003 में अपना अर्न्तराष्ट्रीय डेब्यू किया. वे भारत के सर्वश्रेष्ठ ऑलरांउडर माने जाते है. इरफान के नाम 120 वनडे मैच में 173 विकेट तथा 29 टेस्ट में 100 विकेट दर्ज है. वह दोनो ही फॉमेंट में ढाई हजार से अधिक रन बना चुके है. जबकि बड़े भाई यूसुफ पठान का डेब्यू 2007 में हुआ. यूसुफ फटाफट क्रिकेट के शानदार खिलाड़ी माने जाते है. उनके नाम वनडे और टीम-20 में एक हजार से अधिक रन और लगभग 50 विकेट दर्ज है. दोनो भाईयो ने कई मर्तबा टीम को जीत दिलाई है.
वैसे आपको जानकर हैरानी होगी की पठान ब्रादर्स की जोड़ी टीम इंडिया की तरफ से खेलने वाली मुस्लिम क्रिकेटर की इकलौती जोड़ी नहीं है. बल्कि उनसे पहले भी एक मुस्लिम क्रिकेटर ब्रादर्स की जोड़ी टीम इंडिया का हिस्सा रह चुकी है. यह जोड़ी थी अली ब्रादर्स की.नजीर अली और वजीर अली की यह जोड़ी उस वक्त टीम इंडिया का हिस्सा बनी. जब टीम इंडिया ने 1932 में इंग्लैण्ड अपनी पहली टेस्ट सीरिज खेली. हांलकी दोनो भाई ज्यादा समय तक टीम का हिस्सा नहीं रह पाये. नजीर अली ने 2 जबकि वजीर ने टीम इंडिया की तरफ से 7 टेस्ट मैच खेले. यह भारतीय क्रिकेट के इतिहास की पहली जोड़ी भी मानी जाती है. दोनो भाइयो के नाम घरेलू क्रिकेट में दस हजार से भी अधिक रन व 200 से ज्यादा विकेट दर्ज है.