अभी भी 146 साल पुराने इस आलिशान महल में रहते हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया, तस्वीरों मे देखें – The Focus Hindi

WordPress database error: [Table 'u945304538_migration1.wp_users' doesn't exist]
SELECT * FROM wp_users WHERE ID IN (1)

WordPress database error: [Table 'u945304538_migration1.wp_users' doesn't exist]
SELECT * FROM wp_users WHERE ID = '1' LIMIT 1

अभी भी 146 साल पुराने इस आलिशान महल में रहते हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया, तस्वीरों मे देखें

बीजेपी का दामन थाम चुके ज्योतिरादित्य सिंधिया की गिनती एक क’द्दा’वर नेता के रूप में होती है. तो वहीं दूसरी तरफ ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर राजघराने से ताल्लुक रखने वाले एकलौते वारिस भी हैं.

क्या आपको पता है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया किस महल में निवास करते हैं, अगर आप इस बारे में नहीं जानते तो आज हम आपको इस बारे में बताने जा रहें हैं.

क्या आपको पता है कि ज्योतिरादित्य सिंध‍िया जिस महल में रहते हैं, वो 12 लाख वर्गफीट से भी ज्यादा बड़ा है. वो इस महल के इकलौते मालिक हैं. आइए जानें- क्या है उस महल की खासियत जहां रहता है ज्योतिरादित्य का परिवार.
इस महल को महाराजाधिराज जयजीराव सिंधिया अलीजाह बहादुर ने 1874 में बनाया था. तब इसकी लागत 1 करोड़ रुपये थी. आज इस सुंदर शाही महल की कीमत बढ़कर 4000 करोड़ पहुंच चुकी है.

जयविलास महल, ग्वालियर में सिंध‍िया राजपरिवार का वर्तमान निवास स्थल ही नहीं एक भव्य संग्रहालय भी हैं. महल में 400 से अधिक कमरे हैं, जिसका एक हिस्सा इतिहास को संजोने के लिए एक संग्रहालय के रूप में उपयोग किया जाता है. कुल 1,240,771 वर्ग फीट में फैले इस महल के एक प्रमुख हिस्से को वैसे ही संरक्षित किया गया है जिस तरह से इसे बनाया गया था.
दरबार महल के बाद दूसरा सबसे आकर्षक कोना महल का डाइनिंग हॉल है. यहां मेज पर चांदी की ट्रेन दौड़ती है. ट्रेन का इस्तेमाल मेहमानों को भोजन परोसने के लिए किया जाता है. महल की छतों पर सोने की नक्काशी की गई है.
हालांकि ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस शाही महल के एक हिस्से को म्यूजियम बना दिया गया है जिसे देखने के लिए देश विदेश से पर्यटकों की भीड़ जाती है. लेकिन दूसरे हिस्से में आज भी महाराजा ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी पत्नी प्रियदर्शिनी और बच्चों के साथ रहते हैं.

मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया बड़ा नाम हैं लेकिन मध्य प्रदेश चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद भी सिंधिया के हाथ कुछ लगा नहीं है. न ही वे सीएम बन पाए और न ही सरकार में मन का काम कर पाए. लिहाजा सरकार बनने के 14 महीने बाद सिंधिया ने कांग्रेस से ब’गा’वत कर दी. ब’गा’वत करके वो सीधे कांग्रेस की वि’रो’धी बीजेपी का हिस्सा बन गए.

Leave a Comment