जिम्बाब्वे ने ऑस्ट्रेलिया को रौंद किया उलटफेर, 8वें नंबर के बल्लेबाज ने मचाया गदर, बड़े-बड़े शूरमा हुए फेल – The Focus Hindi

जिम्बाब्वे ने ऑस्ट्रेलिया को रौंद किया उलटफेर, 8वें नंबर के बल्लेबाज ने मचाया गदर, बड़े-बड़े शूरमा हुए फेल

क्रिकेट के खेल में उलटफेर होना कोई नई बात नहीं है बल्कि ये भी कहा जा सकता है कि उलटफेर ही खेल की खूबसूरती बनाए रखते हैं.

जहां कोई भी टीम अपना दिन होने पर किसी भी टीम को हार का कड़वा घूंट पिला सकती है. आज जिस उलटफेर की ही बात करने जा रहे हैं वो क्रिकेट की दुनिया के शुरुआती उलटफेरों में शुमार होता है. जहां जिम्‍बाब्‍वे (Zimbabwe) की बेहद कमजोर टीम ने बेहद मजबूत ऑस्‍ट्रेलिया (Australia) को करारी शिकस्‍त दी.

वो भी किसी आम टूर्नामेंट या सीरीज में नहीं बल्कि 1983 के वर्ल्‍ड कप में. इसे आज भी क्रिकेट जगत के सबसे बड़े उलटफेरों में गिना जाता है. जिम्‍बाब्‍वे ने ये मैच रोमांचक तरीके से 13 रनों से अपने नाम किया. इस शर्मनाक हार को ऑस्‍ट्रेलियाई टीम में शामिल बड़े बड़े दिग्‍गजों ने बड़ी मजबूरी के साथ स्‍वीकार किया.

आइए जानते हैं इस मैच में ऐसा क्‍या हुआ था कि ऑस्‍ट्रेलियाई टीम जिम्‍बाब्‍वे के हाथों चारों खाने चित हो गई.

आज ही के दिन 9 जून 1983 को खेले गए वर्ल्‍ड कप के इस मैच में जिम्‍बाब्‍वे की टीम ने पहले बल्‍लेबाजी की. नॉटिंघम में खेले गए मुकाबले में जिम्‍बाब्‍वे ने 6 विकेट पर 239 रनों का सम्‍मानजनक स्‍कोर खड़ा किया. इनमें सबसे ज्‍यादा रन कप्‍तान डंकन फ्लेचर (Duncan Fletcher) ने बनाए.

उन्‍होंने 84 गेंदों पर 5 चौकों की मदद से नाबाद 69 रन बनाए. आठवें नंबर के बल्‍लेबाज लैन बुचार्ट से उन्‍हें अच्‍छा साथ मिला जिन्‍होंने 38 गेंदों पर नाबाद 34 रन बनाए. ऑस्‍ट्रेलिया के लिए डेनिस लिली ने दो विकेट हासिल किए.

बल्‍लेबाजी के बाद गेंदबाजी में भी चमके फ्लेचर
दिग्‍गजों से सजी ऑस्‍ट्रेलियाई टीम के लिए ये लक्ष्‍य कोई बहुत मुश्किल नहीं था, लेकिन जिम्‍बाब्‍वे की टीम खासकर डंकन फ्लेचर कुछ और ही ठानकर मैदान पर उतरे थे. 34 साल के फ्लेचर ने बल्‍लेबाजी में हाथ दिखाने के बाद गेंदबाजी का जादू चलाया.

ऑस्‍ट्रेलिया की पूरी टीम 7 विकेट पर 226 रन ही बना सकी. ऑस्‍ट्रेलिया के लिए ओपनर केपलर वेसेल्‍स ने सबसे ज्‍यादा 76 रन बनाए, लेकिन इसके लिए उन्‍होंने 130 गेंदों का सामना किया.

उनके अलावा विकेटकीपर बल्‍लेबाज रोडनी मार्श ने 42 गेंदों पर नाबाद 50 रन की पारी खेलनी लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. उनके 3 चौके और 2 छक्‍के टीम को लक्ष्‍य के करीब तो ले आए लेकिन लक्ष्‍य हासिल नहीं करा सके. तब मैच 60 ओवर का होता था तो फ्लेचर ने अपने कोटे के 12 ओवर में 1 मेडन के साथ 42 रन देकर चार विकेट हासिल किए.

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