केएम आसिफ को इस सीजन में सीएसके ने 20 लाख रूपये देकर टीम में शामिल किया है. इससे पहले 2021 में वह सीएसके का ही हिस्सा रहे हैं. आसिफ की गेंदबाजी जितनी कमाल है उतनी इंटरस्टिंग उनकी जिंदगी भी रही है.

24 जुलाई 1993 को केरल में जन्मे तेज गेंदबाज करीम मोहम्मद आसिफ का सफ़र संघर्ष भरा रहा. उनके पिता दिहाड़ी मजदूर थे, जबकि मां होममेकर थीं. परिवार की आर्थिक स्थिति काफी खराब थी. ऊपर से छोटी बहन ब्रेन इंजरी जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं. आसिफ का भाई भी मानसिक रूप से कमज़ोर है. ऐसे में उनके पिता के लिए घर चलाना आसान नहीं था.

क्रिकेट और गरीबी में आसिफ कई सालों तक उलझे रहे. एक समय ऐसा भी आया जब वह सपनों को ताक पर रख परिवार की गरीबी खत्म करन के लिए 2016 में दुबई नौकरी करने चले गए. वहां उन्होने स्टोरकीपर की. लेकिन मन क्रिकेट में रम रहा तो सो नौकरी छोड़कर वापस भारत आ गए.

यहां कई ट्रायल दिए. मगर निराशा हाथ लगी. इसके बाद वह फिर दुबई चले गए. लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. यहां आसिफ की मुलाकात यूएई क्रिकेट टीम के कोच और पूर्व पाक क्रिकेटर आकिब जावेद से हुई. आसिफ ने अपने हालात और सपने के बारे में बताया. इसके बाद कोच आकिब ने उन्हें एक प्राइवेट नौकरी दिलाई.

कुछ वीज़ा खत्म हुआ तो आसिफ वापस भारत आ गए. और उन्होने फिर मन लगाकर अभ्यास किया. आसिफ का सिलेक्शन केरल की 2017-18 की सैयद मुश्ताक अली ट्राफी के लिए हो गया.

कमेंट्रर लक्ष्मण सिवारामाकृष्णन आसिफ की गेंदबाजी से इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने आसिफ को चेन्नई सुपर किंग्स के गेंदबाजी ट्रायल के लिए भेज दिया. इस तरह अंतत: आसिफ नेट गेंदबाज के लिए चुन लिए गए. घरेलू मैचों के दौरान संजू सैमसन से उनकी अच्छी दोस्ती हो गई. साल 2017 में संजू सैमसन की सिफारिश पर उन्हें दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम में बतौर नेट तेज गेंदबाज शामिल कर लिया गया.

साल 2018 में चेन्नई ने उन्हे 40 लाख रूपये में अपनी टीम में शामिल कर लिया. साल 2018 में उन्होने 2 मैच खेले. इसके बाद उन्होने 2021 में अपनी तीसरा मैच खेलने को मिला.

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