कर्नाटक में हि’जाब पहनने का विवाद बढ़ता ही जा रहा है। शुक्रवार सुबह कुंडापुर के भंडारकर कॉलेज के गेट पर 40 लड़कियां हिजाब पहनकर पहुंचीं, लेकिन उन्हें एंट्री नहीं मिली। वहीं, दूसरी तरफ जिले के बैंदूर कस्बे में हिं’दू लड़कों को स्कूल में एंट्री से पहले जबरन भ’गवा शॉल पहनाई गई। मामला शासकीय प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज का है, जहां हिं’दू संग’ठनों ने भग’वा शॉल कैं’पेन शुरू किया।
लड़कियों के सपोर्ट में मु’म लड़के धरने पर बैठे
कुंडापुर के भंडारकर कॉलेज के इंस्ट्रक्शन मेन्युअल में यह निर्देश था कि लड़कियों को हि’जाब पह’नने की अनुमति रहेगी, लेकिन उसका कलर स्कूल यूनिफॉर्म के रंग का होना चाहिए। लड़कियों को एंट्री न मिलने के बाद करीब 40 मु’स्लिम लड़के भी उनके सपोर्ट में कॉलेज के बाहर प्रदर्शन करने बैठ गए।
हिजा’ब पर कर्नाटक के मंत्रियों के दो बयान
कर्नाटक के गृह मंत्री अरगा ज्ञानेंद्र ने हि’जाब विवाद पर कहा है कि बच्चों को स्कूलों में हिजा’ब या भगवा शॉल पहनकर नहीं आना चाहिए। वे यहां भारत माता के बच्चों की तरह आएं। अपने ध’र्म का पालन करने नहीं बल्कि समानता की शिक्षा लेने आएं। वहीं दूसरी ओर राज्य के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा है कि वे (एक खास समुदाय) पहले हि’जाब नहीं पहनते थे, ये समस्या महज 20 दिन पहले ही शुरू हुई है।
छात्राओं के समर्थन में आए पूर्व CM सिद्धारमैया
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया मु’स्लिम छात्राओं के समर्थन में आ गए हैं। उन्होंने कहा कि हिजा’ब मुस्लि’मों का मौलिक अधिकार है। शिक्षा मौलिक अधिकार है। अगर उन्हें स्कूल आने से रोका जाता है उनके ये मौलिक अधिकार का हनन है। लड़कियां मु’स्लिम हैं, सिर्फ इसलिए उन्हें शिक्षा प्राप्त करने से वंचित नहीं किया जाना चाहिए।